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Bikaner Ka itihas - बीकानेर का इतिहास

बीकानेर का इतिहास (Bikaner ka itihaas)


History of Bikaner in Hindi मात्र कुछ शब्दों में


अगर हम Bikaner Ka itihas पढ़ें तो पता चलता है कि स्वतन्त्रता से  पूर्व भारत में सैकड़ों रियासतें (princely states )विद्यमान थीं । इनमें से कुछ रियासतें बहुत बड़ी थीं जबकि कई रियासतें बहुत छोटी । इनमें से कुछ ने ब्रिटिश शासन की आधीनता स्वीकार की और बाद में आजादी के पश्चात भारतीय गणराज्य का part बन गईं । 



बीकानेर का सामान्य ज्ञान पढ़ते समय Bikaner के इतिहास के बारे में जानने से पूर्व यह जानना आवश्यक है कि इसे पहले 'जांगलदेश' के नाम से जाना जाता था। यह Rajputana की सबसे बड़ी रियासत थी।


बीकानेर का राठौड़ वंश

इतिहासकारों का मानना ​​है कि बीकानेर state की स्थापना 15 वीं शताब्दी में राव जोधा के छठे पुत्र राव बीका ने की थी। नागणेची माता बीकानेर के राठौड़ वंश की कुलदेवी हैं।
          बाद में, यह सन् 1818 में ब्रिटिश शासन के under आ गया ।  भारत की स्वतंत्रता के पश्चात यह सन् 1947 में यह भारत का part बन गया।


जूनागढ़ का किला, बीकानेर

बीकानेर के राठौड़ वंश के प्रश्न 
1439 ई. में पैदा हुए राव जोधा मारवाड़ के राजा थे। 1465ई. में उन्होंने अपने चाचा कंधाल और
 भाई बीड़ा की मदद से बीकानेर पर victory माने विजय प्राप्त की।
इस विजय से पहले,यह क्षेत्र आंशिक रूप से राजपूतों, मुसलमानों और जाटों द्वारा controlled था।



भाटियों ने starting में बीका का विरोध किया। बाद में बीका ने क्षेत्र में सत्ता हासिल करने के लिए पुगल के राव की बेटी से विवाह किया। इसके बाद जाटों ने उसका विरोध किया गया जो उस समय आंतरिक संघर्ष का सामना कर रहे थे। अंत में, गोदाराओं ने कुछ प्रतिरोध दिखाया जिसे बाद में सुलझा लिया गया । बीका ने 1485 में रती घाटी नामक राजधानी में एक छोटे किले की स्थापना की। तीन वर्ष बाद, उन्होंने बीकानेर शहर का निर्माण शुरू कर दिया।



1504 में राव बीका की मृत्यु के पश्चात , मारवाड़ के तत्कालीन राजा मालदेव ने राव जैत सिंह को हराया और palace ( किले) पर कब्जा कर लिया।इसके बाद बीकानेर की सेनाओं ने 1544 में किले पर पुनः नियंत्रण कर लिया। अगले राजा, कल्याण सिंह ने शेर शाह सूरी से मदद ली और  बीकानेर का पूर्ण नियंत्रण प्राप्त किया । इन्हें आज भी famous personalities of Bikaner में गिना जाता है । इस रियासत पर 1544 से 1947 तक अनेक योग्य शासकों द्वारा शासन किया गया ।

all images : pixabay

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