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Sanyukt Rashtra Mahasabha - संयुक्त राष्ट्र महासभा

संयुक्त राष्ट्र महासभा  (Sanyukt Rashtra Mahasabha)


 Sanyukt Rashtra संघ के प्रमुख अंगों में से सर्वाधिक वृहत अंग Sanyukt Rashtra Mahasabha है।  यह अंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण भी है । इस संस्था का रूप 'Human parliament' का है ।कई विद्वानों ने महासभा के बारे में important बातें कही है ।

  •  आईटेल बर्गर के अनुसार 'यह विश्व का उन्मुक्त अंतःकरण है ।'
  • शूमां ने इसे संसार की नगरसभा कहा है ।
  • डेविड कुशमैन के अनुसार महासभा संयुक्त राष्ट्र संघ का केंद्रीय या प्रमुख अंग है ।
  • सीनेटर वांडेनबर्ग ने इसे विश्व की लघु संसद कहा है ।

Sanyukt Rashtra के charter के अनुच्छेद 9 की धारा 1 के अनुसार महासभा में संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य होंगे । वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 193 हो गई है । प्रत्येक सदस्य देश 5 प्रतिनिधि तथा पांच वैकल्पिक प्रतिनिधि भेज सकता है । किंतु प्रत्येक सदस्य देश का एक ही मत होता है प्रतिनिधि वाद विवाद में भाग लेने का अधिकार रखते हैं ।

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संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा


अधिवेशन-  महासभा का नियमित एवं सामान्य अधिवेशन प्रत्येक वर्ष सितंबर के तीसरे मंगलवार से प्रारंभ होता है और प्राय दिसंबर तक चलता है sanyukt rashtra suraksha parishad या संयुक्त राष्ट्र संघ के बहुसंख्यक सदस्यों के आग्रह पर महासभा के विशेष अधिवेशन भी होते रहे हैं।

मतदान प्रक्रिया -  United nations charter   के अनुच्छेद 18 के अनुसार मतदान में महासभा के प्रत्येक सदस्य का एक ही मत होगा महासभा में एक राज्य एक वोट के सिद्धांत को मान्यता देकर छोटे बड़े राज्यों का डिफरेंस मिटा दिया गया है महासभा में सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों पर निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले देशों के दो तिहाई बहुमत से किया जाता है तथा साधारण प्रश्नों का निर्णय उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से होता है महत्वपूर्ण विषय है शांति एवं sanyukt rashtra suraksha parishad के सदस्यों का निर्वाचन राष्ट्रों को सदस्यता प्रदान करना निलंबित किया निष्कासित करना तथा वित्तीय प्रश्न ।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की समितियां -   अपने कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए महासभा ने निम्नलिखित समितियों का गठन कर रखा है :-
1. निशस्त्रीकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय एवं सुरक्षा समिति
2. आर्थिक एवं वित्तीय समिति
3 .सामाजिक मानवीय तथा सांस्कृतिक समिति
4 .न्यास समिति
5 .प्रशासनिक एवं बजट समिति
6 .कानूनी समिति
 उपर्युक्त समितियों के अलावा दो प्रक्रिया समितियां भी गठित की गई है नंबर एक सामान्य या संचालन समिति तथा नंबर दो प्रमाणपत्र समिति इन सभी समितियों के अतिरिक्त महासभा विशेष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विशिष्ट या तदर्थ किया उप समितियों की स्थापना भी कर सकती है।

अध्यक्ष -प्रत्येक सत्र के लिए महासभा का एक अध्यक्ष निर्वाचन करती है जो इसकी बैठकों की अध्यक्षता करता है समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व प्रदान करने की दृष्टि से महासभा की अध्यक्षता प्रतिवर्ष राज्यों के 5 समूहों अफ्रीकी एशियाई पूर्वी यूरोपीय लेटिन अमेरिका तथा पश्चिमी यूरोप और अन्य राज्यों में भारी बारी बारी से दी जाती है। 
वर्तमान में sanyukt rashtra mahasabha ke adhyaksh तिजानी मोहम्मद बांडे हैं।वहीं वर्तमान में sanyukt rashtra mahasabha ke mahasachiv एंटोनियो गुटेरेश हैं। इन्होंने 1 जनवरी 2017 को अपना sanyukt rashtra mahasabha ke mahasachiv का कार्यकाल संभाला।

महासभा के कार्य तथा भूमिका - महासभा के कार्यों तथा भूमिका का अध्ययन निम्नलिखित शीर्ष को के अंतर्गत किया जा सकता है ।

  1.  विचार विमर्श सम्बन्धी शक्तियां  - महासभा चार्टर के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसी प्रश्न अथवा विषय या संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी अंग की शक्तियों या कार्यों से संबंधित किसी प्रश्न या विषय पर विचार विमर्श कर सकती है तथा अपनी सिफारिशें सुरक्षा परिषद या सदस्यों को प्रस्तुत कर सकती है परंतु united nations charter के अनुच्छेद 12 के अनुसार जब sanyukt rashtra suraksha parishad किसी प्रश्न अथवा विषय पर विचार विमर्श कर रही हो तो महासभा उस पर विचार विमर्श कर सकती है परंतु उस पर सिफारिश नहीं कर सकती है नवंबर 1950 में शांति के लिए एकता प्रस्ताव पास होने से शांति और सुरक्षा के संबंध में महासभा की भूमिका में वृद्धि हुई है।
  2. शांति के लिए एकता प्रस्ताव - इस प्रस्ताव के अनुसार शांति को खतरा शांति भंग अथवा आक्रमण की विभीषिका के संबंध में स्थाई सदस्यों के एकमात्र ना होने के कारण यदि सुरक्षा परिषद कार्य संचालन में असफल रहे तो महासभा तुरंत ही उस पर विचार कर सकती है और सामूहिक कदम उठाने के लिए उचित सिफारिशें कर सकती है और शांति भंग एवं आक्रमण होने की अवस्था में शक्ति के प्रयोग की सिफारिशें कर सकती है ताकि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनी रहे महासभा ने समय-समय पर इस अधिकार का उचित प्रयोग किया है इसी अधिकार के अंतर्गत उसने 1950 में कोरिया में साम्यवादी चीन के हस्तक्षेप को रोका 1951 में उसने चीन के खिलाफ सामूहिक आर्थिक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की।
  3. निर्वाचन संबंधी शक्तियां - सुरक्षा परिषद के 10 अस्थाई सदस्य आर्थिक तथा सामाजिक परिषद के 54 सदस्यों और न्यास परिषद के अस्थाई सदस्यों को महासभा निर्वाचित करती है सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर यह antarrashtriya nyayalaya के न्यायाधीशों और महासचिव का निर्वाचन करती है  sanyukt rashtra suraksha parishad की सिफारिशों के आधार पर यह नए सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता प्रदान करती है ।
  4. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विकास से संबंधित शक्तियां - संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 13 के अनुसार राजनीतिक आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक स्वास्थ्य आदि के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का विकास करने हेतु और जाति लिंग भाषा या धर्म के भेदभाव के बिना मानव अधिकारों तथा मूल स्वतंत्रता ओं की सिद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के विकास और संहिता करण के लिए महासभा अध्ययनों को आरंभ करा सकती है तथा सिफारिशें कर सकती है ।
  5. वित्त संबंधित कार्य -  Sanyukt Rashtra Mahasabha संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट एजेंसियों की वित्तीय और बजट संबंधी व्यवस्थाओं पर विचार करती है यह संघ के बजट को स्वीकार करती है और सदस्य राज्यों में व्यय का बंटवारा करती है । जो राष्ट्र 2 वर्ष तक लगातार सदस्यता शुल्क अदा नहीं करता उसे महासभा में मत देने का अधिकार नहीं रहता लेकिन आर्थिक कठिनाइयों या अन्य व्यवस्थाओं के आधार पर यदि कोई राष्ट्र शुल्क देने में असमर्थ रहा है और महासभा इस बात से संतुष्ट हो जाती है कि संबंधित राष्ट्र द्वारा जानबूझकर शुल्क अदा करने में देरी नहीं की गई है तो महासभा उस राष्ट्र को मत देने की अनुमति प्रदान कर सकती है।
  6. निरीक्षणात्मक एवं जांच संबंधित शक्तियां - महासभा sanyukt rashtra suraksha parishad एवं संयुक्त राष्ट्र संघ केअन्य अंगों से वार्षिक और विशिष्ट प्रतिवेदन प्राप्त करती हैं तथा उन पर विचार-विमर्श करती है न्यास व्यवस्था से संबंधित कुछ कार्यों को भी महासभा संपन्न करती है।
  7. संवैधानिक कार्य - महासभा को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में संशोधन के अधिकार प्राप्त है अपने दो तिहाई बहुमत से यह united nations charter में संशोधन कर सकती है लेकिन संशोधन को मान्यता तभी प्राप्त होती है जब संयुक्त राष्ट्र के दो तिहाई सदस्य इन संशोधनों को संवैधानिक प्रक्रिया से मान्यता प्रदान कर दें। महासभा कोमा सुरक्षा परिषद के साथ सम्मिलित रूप से मूल चार्टर के पुनरावलोकन हेतु भी सामान्य सम्मेलन आहूत कर सकती है।
  8. अन्य कार्य - महासभा के अन्य कार्य हैं यह वर्तमान सिम आंतों में परिवर्तन करने की अनुशंसा कर सकती है महासभा मानवाधिकारों तथा आधारभूत स्वतंत्रता ओं की रक्षा पर बल देती है तथा अपने कार्यों के संपादन के लिए आवश्यकतानुसार अंगों की स्थापना कर सकती है।

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